Tuesday, October 11, 2011

मन का मौसम "बहारा"

दिमाग में अजीब सी हलचल है .....मजाल है जों एक पल के लिए शांत हो... जाने क्या क्या सोचता रहता है हरदम ........अगड़म-बगड़म, ऊँट-पटांग, सही-गलत, एक आंधी सी चलती रहती है  हर पल  ......सुना है हर आंधी सिर्फ धूल और गर्त लाती है .... हम भी ऐसा सोचते थे पहले,  जब तक नई आँधियों ने खुद को इंट्रोड्यूस नहीं किया था, आप लोग ना करो विश्वास लेकिन बात है सच्ची .... आंधियां लड़कियों जैसे बक-बक भी करती हैं और लडको जैसा सोचती भी हैं......मतलब ब्यूटी, बोल्डनेस, हार्डनेस, सोफ्टनेस और दबंगई का  कॉम्बिनेशन होती है ........ऐसी आँधियों को हमने नाम दिया है "बहारा"

मतलब....आने से  जिसके आये बहार :-) जैसे हरियाला सावन औ फुहारों वाली हवा ....तो हुई ना बहारा....जैसे मन यूँ ही मुस्कुराए, बुखार  में दवाइयां टेस्टी लगे...... जैसे गर्म सूप पीने से मुहं जल भी जाए लेकिन मोबाईल पर किसी विशेष ट्रिंग-ट्रिंग से मुहं में वेर्चुअल आइसक्रीम आ जाए .......विश्वास करो मेरा कुछ आँधियों में ऐसे एहसास होना आम बात है ........आँधियों में फूल भले ना खिलते हो लेकिन यकीनन किसी ना किसी के पास तो पहुचते हैं ...कुछ के बालों में यूँ ही टक जाया करते हैं ...तो कभी दुपट्टे से लिपट जाया करते हैं  .....लोग तो जान भी नहीं पाते के  कुछ पुन्ने-पुन्ने, नन्हे मुन्ने  जींस और शर्ट की जेबों में भी छुप  जाया करते :-) कुछ टुकड़े -टुकड़े हो बदन में उलझ जाया करते हैं  .कुछ सडको, सीढ़ियों, गैलरियों , खिडकियों, छतों और भी जाने कहाँ कहाँ बिखर जाते हो,,,,,सबकी अपनी-अपनी किस्मत. अपना नसीब .......कौन जाने कौन सी आँधी क्या क्या लाए ..सुना तो ये भी है की आँधियों के भी प्रकार होते हैं .....लाल आँधी, काली आँधी और पीली आँधी... इसे फिजिकल या विजिबल आंधी भी कह सकते हैं.....लेकिन भावनात्मक आँधियों के बहाव की तीव्रता को मापने का पैमाना कोई नहीं...वो तो मन की गति से चलती है...जीवन की लहरों पर......दुआ करती हूँ मन की आंधियां कभी उदास ना हो....फिलहाल तो मन का मौसम खुश है तो अंदर की आंधियां है - स्मार्ट आंधी, ब्यूटीफुल चार्मिंग और बिंदास आंधी  ......सो अबकी बार आँधी आए ना तो खिड़कियाँ दरवाजे मत बंद करना.....ये सोच कर की धूल धक्कड़ आएगे.......

जाने किसने आँधी की इमेज खराब कर रखी है सोसाइटी में .....हमेशा आँधी शब्द को  नेगेटिव सेन्स में सोचा, समझा, माना, सुना और जाना जाता है  ......जैसे आँधी ना हो गई,......कैकेई मंथरा और दुशासन हो गई ........आँधी ऐश्वर्या, दीपिका, रणवीर,  ईद, दीवाली होली और गुलाबजामुन भी हो सकती है......आँधी खुसबू भी लेकर आती है और धानी रंग चुनर भी .....प्यार से देखो उसको तो सोंधा सा एहसास भी ....आत्मविश्वास से कही गई बात है मेरी......आप लोगों को लगेगा बकवासबाजी कर रही है लड़की  .....महसूस करके ही बताती हूँ हर बात क्योंकि....... ऐसी ही एक बहारों वाली आंधी ने मेरी ओर भी किया है रुख ...पता है! हम क्या चाहते हैं के ऐसे खुश मिज़ाज और खूबसूरत आँधी हर इंसान की ज़िंदगी में आए.....ताकि आने वाले नस्ले आँधी के नये रूप को जान सके और .....वक़्त की करवट के साथ नकारात्मक सोच का टैग भी आँधियों के नसीब से गायब हो जाए......लोग आँधियों से डरे नही ......बल्कि प्यारा नज़रिया रखे.....और जमाना कह उठे .......हाँ  आँधियों के सीनो में भी दिल होता है