कितनी बार समझाया है तुमको २ बजे के बाद तुम्हारी खबर नहीं मिलती तो बेचैन हो उठती हूँ मै...सुबह से जाने कितने क़िस्से थे जों तुम्हे सुनाने थे, किचेन में कुछ नया ट्राई किया , विंडो शौपिंग वैगेरह वगैरह .......४.३० बज चुके है ...हर १५ मिनट पर रुक-रुक कॉल की और हर कॉल के बाद एक मेसेज .......पिछले १७ घंटो से तुम्हारी कोई खबर नही ......सच में बावरी हूँ मैं....कहीं सता तो नहीं रहे हमें .......बस इतनी सी खबर कर देते की ठीक हो काम में बिजी हो .....समझ जाती ना मै ......अब इतनी भी नासमझ नहीं ......तुम्हे निगेटिव बातें पसंद नहीं .....डरते-डरते ही सही एक ख्याल का जन्म हो रहा है ...कहीं तुम जान कर तो नहीं कर रहे अवोइड मुझे .......मेरी लिए तुम्हारे मन में प्यार सच्चा है ना.......या फिर तुम्हारी बातों में आ मै ही शिद्दत से चाहने लगी तुम्हे ......सच्चा- झूठा तो पता नहीं ....लेकिन हर लम्हा जिया है तुम्हारे साथ . मेरी जिंदगी की घडी तुम्हारी आहट की सुइयों से ही चलती है .....कहते है हर रिश्ते की एक हद होती है ......लेकिन तुम्हारे साथ रिश्ते में मैंने कोई हद ही नहीं देखी और ना रखी .......कभी कभी मेरे अन्दर की स्त्री चिढाती है मुझे ......लेकिन मुझे कोई अफ़सोस नहीं ....ख़त्म होने को तो एक पल में दुनिया ख़त्म हो सकती है .....दुनिया के ख़त्म होने का गम किसे है .....कुछ पल ही सही लम्हा-लम्हा जिंदगी जी है मैंने ......शान से खुदा के पास जाऊंगी के सबसे पाक और रूहानी काम इश्क करके आई हूँ......मुझे जन्नत नहीं चाहिए.....बस वो खुदा इतना अश्योर कर दें कि अभी ६ जन्मो और उसके बाद के ६ जन्मो ........तक तुम्हारे साथ इश्क क़ी दास्ताँ लिखूं......
ज़िन्दगी क्या है जानने के लिए, जिंदा रहना बहुत ज़रूरी है, आज तक कोई भी रहा तो नहीं -- गुलज़ार
Tuesday, February 21, 2012
गुस्सा - वुस्सा
कितनी बार समझाया है तुमको २ बजे के बाद तुम्हारी खबर नहीं मिलती तो बेचैन हो उठती हूँ मै...सुबह से जाने कितने क़िस्से थे जों तुम्हे सुनाने थे, किचेन में कुछ नया ट्राई किया , विंडो शौपिंग वैगेरह वगैरह .......४.३० बज चुके है ...हर १५ मिनट पर रुक-रुक कॉल की और हर कॉल के बाद एक मेसेज .......पिछले १७ घंटो से तुम्हारी कोई खबर नही ......सच में बावरी हूँ मैं....कहीं सता तो नहीं रहे हमें .......बस इतनी सी खबर कर देते की ठीक हो काम में बिजी हो .....समझ जाती ना मै ......अब इतनी भी नासमझ नहीं ......तुम्हे निगेटिव बातें पसंद नहीं .....डरते-डरते ही सही एक ख्याल का जन्म हो रहा है ...कहीं तुम जान कर तो नहीं कर रहे अवोइड मुझे .......मेरी लिए तुम्हारे मन में प्यार सच्चा है ना.......या फिर तुम्हारी बातों में आ मै ही शिद्दत से चाहने लगी तुम्हे ......सच्चा- झूठा तो पता नहीं ....लेकिन हर लम्हा जिया है तुम्हारे साथ . मेरी जिंदगी की घडी तुम्हारी आहट की सुइयों से ही चलती है .....कहते है हर रिश्ते की एक हद होती है ......लेकिन तुम्हारे साथ रिश्ते में मैंने कोई हद ही नहीं देखी और ना रखी .......कभी कभी मेरे अन्दर की स्त्री चिढाती है मुझे ......लेकिन मुझे कोई अफ़सोस नहीं ....ख़त्म होने को तो एक पल में दुनिया ख़त्म हो सकती है .....दुनिया के ख़त्म होने का गम किसे है .....कुछ पल ही सही लम्हा-लम्हा जिंदगी जी है मैंने ......शान से खुदा के पास जाऊंगी के सबसे पाक और रूहानी काम इश्क करके आई हूँ......मुझे जन्नत नहीं चाहिए.....बस वो खुदा इतना अश्योर कर दें कि अभी ६ जन्मो और उसके बाद के ६ जन्मो ........तक तुम्हारे साथ इश्क क़ी दास्ताँ लिखूं......
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Ham bolega to bologe ki bolta hai .......ham kushhh ni bolega :)))))))))))))))
ReplyDeleteबना रहे ये प्यार..
ReplyDelete------
..की-बोर्ड वाली औरतें।
इतना प्यार और इतना गुस्सा भी ... क्या बात है ...
ReplyDeletebahut sundar abhivyakti, vaah ishq!
ReplyDeleteसुंदर रचना.
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति ....
ReplyDeleteये प्रेम की व्याकुलता है जो कभी उस के सामने नहीं बता सकते आप जिस के लिए महसूस किया है.ये खुद से ही करने वाली बातें हैं जिनका महत्त्व बस आपका प्रेम से भरा दिल ही समझ सकता है......बहुत खूब ..........खुदा करे जोर-ऐ-करम कुछ और भी ज्यादा.
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ReplyDeleteअगर असली प्यार है तो गुस्सा और तकरार तो जायज़ है | बिना इसके प्यार का मज़ा कैसा | बहुत ही सुन्दरता से अभिव्यक्त किया आपने अपनी भावनाओं को और विचारों और सोच को | बहुत अच्छा लगा | आभार |
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
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